शनिवार, 26 जून 2010

पैसे का खेल

श्री मती जी खाना बना रही थी मै बैंक जाने के लिये तैयार हो रहा था इतने में आवाज आती है अरे सुनते हो गैस खत्म हो रही है ! अब तुमको टिफिन कैसे दूंगी ! कोई बात नहीं मै कैंटीन  में खा लूँगा ! "हम लोग भी चले... बच्चो को क्या अनाथालय भेज दे या गुरुद्वारे...  मै नहीं जानती जल्दी से जाओ एक सिलेंडर ले कर आओ |"
"मगर मुझे बैंक जाना है |"
"भाड़ में गया तुम्हरा बैंक और तुम !"
मरता क्या न करता जल्दी -जल्दी स्कूटर निकाली.. मगर वो पंचर थी |
सिलंडर को रिक्से पर रखा और सुरेश को फोन करा कि बैंक देर से आऊंगा घर पर गैस खत्म हो गई है | मेनेजर को कह देना वाइफ गिर गई डॉक्टर के यहाँ जा रहे है |
सिलंडर ले कर रिक्से पर चल दिया रास्ते में याद आया गैस की पर्ची लाना भूल गया  किसी तरह गैस गोदाम पंहुचा  आज कल गैस गोदाम शहर से बाहर चले गये  रिक्से वाले ने ५०/- रु० आने जाने के तय किया सिलेंडर ले कर गोदाम पंहुचा गया |
वहाँ देखा १००-५०  आदमी की लम्बी  लाइन  लगी थी!  देख कर होश उड़गये! आज देखो क्या होगा?
 दोपहर के २ बज गये थे  जब हमारा न० आया! तब तक गैस खत्म हो गई गोदाम बंद हो गया ! करीब २०-२५ लोग लाइन में रह गये थे  | अब क्या करे समझ में नहीं आ रहा था  पेशाब भी बहुत जोर लगी  थी सोचा सिलेंडर देखे या पेशाब के लिये जाये! बड़ी उलझन में पड़ गया... गैस भी आज खत्म होनी थी पता नहीं गैस कब मिलेगी |
गोदाम में जो गैस बाट रहा था किसी तरह से उससे जानकारी ली मालूम हुआ दूसरी ट्रक रास्ते में है गैस ट्रक आने पर मिलेगी .करीब 1 /1-१/२ घंटा बीत गया ट्रक का पता नही था कब आएगी ,इधर भूख के मारे पेट मेंचूहेकूद रहे थे , जहाँ गैस बटती है वहाँ उस दिन मेला सा दृश्य हो जाता है ,सभी प्रकार के खोचां वाले खड़े हो जाते है |
हमने भी कुछ खाने की  सोचा और सिलेंडर उठा कर एक चाट वाले ढेले तक जा पंहुचा,लाइन में अपनी जगह रोक ने के लिये १०/ - रु० देकर एक लडके को खड़ा कर दिया नहीं तो नम्बर चला जाता | चाट वाले ने हमको सिलेंडर उठा कर पसीना पोछते हुय देखा वोला "बाबू जी क्या बात गैस  मिली या नहीं" मै सबेरे से काफी परेशान था | "अपना काम करो यार कुछ हो तो खिला  दो  बड़ी भूख लगी है" |
"क्या खाओगे बाबू जीएक पत्ता टिकिया खिलादो फिर जल्दी से लाइन लगनी है" ! "अरे बाबू जी लाइन क्या करोगे लगा कर हमे बताओ क्या सेवा करे" " अरे टिक्की दे दो मै बहुँत परेशान हूँ" ! अभी आप की पेट की और आपकी परेशानी दोनों दूर कर दूगां ?
"क्या मतलब बाबू जी कहो तो सिलंडर भी दिला  दे" सिलंडर दिला देंगा ?" ट्रक तो अभी आई नहीं  ट्रक न आई है न आयेगीयह सब राज काज है !अब शाम को सिलंडर  हमी लोग दिला सकते है" मगर कुछ खर्च करना पड़ेगा" क्या खर्चा लगेगा ? १५०/-रु ० लगेगे मजेसे चाट खाओ" और सिलंडर पाओ बोलो मंजूर है तो अभी इंतजाम करे" |
मेरा मुहं देखने लगा मै सोच मे पड़ गया क्या करे  जल्दी सोचो बाबू जी नहीं तो गाडी छूट जाएगी और हमारा कोटा खत्म हो जायेगा आप चाट खाते रह जायेगे !
"मैने कहाँ १५०/- ज्यदा है कुछ कम हो जाये तो देख लो" |" बाबू जी जी आप सोचो चाट खाओ घर जाओ आप के वश की बात नहीं  मै दुसरे को  दे  दूगां  यहाँ बहुत मिल जायगे जल्दी बोलो" वोह देखो हमारे पुराने ग्राहक कार से उतर रहे है" ! मैने देखा एक साहब उधर ही आ रहे था |
मैने हडबडा के बोला ठीक है" मंगाओ मुझे मंजूर है ,ऐसे हडबडाया जैसे कोर्ट में जज के सामने अपना गुनाह कबूल कर रहा हूँ !" हे रामू एक बाटली जा कर ले आओ बिलकुल फ्रेस मॉल लाना"! "क्या बाटली?" "अरे बाबू जी यह कोड  शब्द है"! रामू ने हमसे खाली सिलंडर ले लिया और पीछे मैदान में एक झोपड़े के अंदर चला गया | मैने ४५०/- चाट वाले के हाथ में रख दिया | इतने  में रामू फ्रेस बाटली ले कर ( सिलेंडर ) आ गया | हमने झट रिक्से पर रखा और घर की तरफ ऐसे भगा जैसे कोई अनमोल खजाना पा गया था! बैंक गया भाड़ में!
यहाँ हम बता दे इसी तरह से गैस की काला बजारी गैस कम्पनी वाले कराते है ?
चाट वाले का कमीशन 2५/-?
चौकीदार जो लाइन लगा कर धीरे -धीरे सिलंडर देता है १०-/० ?
खाकी वर्दी वाला जो व्यवस्था  देखता १५/० ?
बाकी बचे १००/- उसमे गैस एजेंसी  मालिक / कम्पनी के अफसरों का चाय पानी ? यह सब झेलता है ग्राहक ?
कभी कोई वक्त था हमारे तुम्हारे घर में अक्सर दोपहर को घंटी बजती थी ,सामने गैस सिलेंडर लिये रिक्सा खड़ा रहता बाबू जी गैस चाहिए नहीं अभी नहीं , रखी है |
है पैसे का खेल 
आल इस बेल 

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