शनिवार, 19 जून 2010

तेरा इंतजार

मै तुम्हारी बे रुखी
अब सह न सकूंगा
शाम ढलने को है
हवा सर्द हो रही
दूर -दूर तक तुम्हारा पता नहीं
सूरज की किरण
चाँद का आलिंगन कर रही
रात मे तारे अपनी चमक से
रात को दुल्हन सा सजा रहे हैं
मै भी तुम्हारे इंतजार मे हूँ
अब न सताओ
दिल की धडकन रुकने से पहेले
आ भी जाओ
वक्त थमने से
रात की चमक
फीकी न हो जाये
अब इंतजार ख़त्म हुआ
हवा सर्द हो रही
दूर -दूर तक तुम्हारा पता नहीं

 

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