रविवार, 6 जून 2010

मेरा दर्द मेरा

मेरा दर्द मेरा
मत करो  अनादर मेरा
मै खुली सड़क हूँ
सब को उसकी मंजिल तक पहुँचाना
काम है मेरा
मुझको भी दर्द होता है
मेरा सीना चीर कर
सब अपनी-अपनी मंजिल
तय करते
मुझे भी प्यार करो
मत करो  अनादर मेरा
मुझे भी दुलहन सा सजाओ
इत्र खुसबू  से नहेलाओ
मत चलाओ हथोरा
मझे भी दर्द
होता है
मै सड़क हूँ
मत करो अनादर मेरा
रूप रंग तुमने दिया
तुम्ही इसे बिगाड़ रहे
सीना चीर कर दिखला
नहीं सकती हूँ मै
कितने साल से
सह रही हू
यह पीड़ा
हर कोई आता जाता
फेक देता जो
मन मे आता
मन मेरा बेचेन  है
किसको सुनाऊ
यह पीड़ा
दुलहन सा रूप हमारा
कुरूप मत बनाओ
मै सड़क हूँ
मत करो अनादर
मेरा
बचपन से जवानी तक
दादा से परपोते
रौंदते आ रहे
सीना मेरा
मंजिल सबको
दिखा रही हूँ
मै सड़क हूँ
मत करो अनादर
मेरा
न छोर है न अंत
नाप सकते नहीं
कितना बड़ा
कलेजा मेरा
मंजिल  सबको
दिखा रही हूँ 
मत करो अनादर मेरा
मेरा दर्द मेरा !

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