गुरुवार, 15 अगस्त 2013

आओ आज कुछ गुन गुनाए
बहती  हवा  पकड़ झूला बनाये
आसमान में बादलो से
ख्वावो का एक घर बनाये
उसमे  आसमान के तारे जड्वाए
चाँद सूरज को अतिथि  बनाये
समुन्दर  से सीढ़ी लगये
आओ आज कुछ गुन गुनाये
ख्वावो के इस महल में
इंद्र की अप्सराओ संग जश्न मनाये
इंद्र धनुष की मालाओ से महल सजाये
रिमझम बरसते पानी से प्यास बुझाये
आओ आज कुछ गुन गुनाये
तारो की माला बनवा कर
अतिथो  का स्वागत करवाये
बादलो  का विस्तर बना
मीठी -मीठी नीदं ले
ख्वावो  को सच बनाये
आओ आज कुछ गुन गुनाये