वाह रे जमाने
वक्त कितना बदल गयाबच्पन मे जिन्हे
रात जाग कर लोरी सुना
सुलाया
आज वह अपनी राते
खर्राटों को सुन -सुन कर
रात-भर जागने की
दुहाई दे रहे !
वाह रे जमाने
आज यह वक्त आ गया
चूल्हे का धुआं बुझ गया
हर वक्त धुएं के छल्ले
नजर आते है
वाह रे जमाने
दूध की शीशी पिला कर
ऊगली थाम चलना सिखाया
आज वह सामने जाम से जाम
लगाते है
नए जमाने की दुहाई दे
साथ देने की इच्छायें
जताते है
वाह रे जमाने