गुरुवार, 21 जुलाई 2011

वाह रे कानून

एक दिन सवेरे 9  के आस पास मै बच्चो को स्कूटर से स्कूल छोड़ कर लौट रहा था !
श्रीमती जी ने वापसी में सब्जी लेकर आने का हुक्म दिया , तो सब्जी मंडी
मुड गया ,और स्कूटर अभी खड़ी ही कर रहा था ,कि अचानक सामने से आ
रही ट्र्क ने आगे जा रही मोटर साइकिल को टक्कर मार दी और भाग निकला ! 
     मैने सारा द्रश्य अपनी आँखों से देखा !
लोग बाग आस पास पकड़ो -२ की आवाज लगा कर दौड़ पड़े और मोटर साइकिल वाले को घेर कर आपस में बाते करने लगे !
मुझसे भी रहा न गया !मैने सब्जी वाले से कहा ,भैया जरा स्कूटर देखना ,मै
देख कर आता हूँ !
सब्जी वाला बोला किस -२ का ध्यान रखूं ,यहाँ तो आये दिन इस तरह के
एक्सीडेंट होते है !
लोग- वाग इसी तरह आगे बढ़ते और जब गवाही देने का नम्बर आता ,तो
मुहं घुमा कर कहते है मैने तो देखा ही नहीं !
बाबू जी आप भी देख आये  मगर स्कूटर की  जुम्मेदारी मै नहीं लेता ! मैने कहा कोई बात नहीं इंसानियत भी कोई चीज होती है कह कर भीड़ की तरफ
बढ़ा !
   चारो तरफ से भीड़ ने उस व्यक्ति को घेर लिया था !
ट्रक के टक्कर से पिछला पहिया उसकी कमर से निकल गया वह जमीन मै पड़ा छटपटा रहा था  पानी -पानी की आवाज आ रही थी !
भीड़ मे एक ने उसे बोतल से पानी देना चाह मगर साथ वाले ने मना कर दिया यह पुलिश केश है दूर रहो पुलिश के लफड़े मे मत पड़ना !
मन मे आया कि आगे बढ़ कर एक झापड़ रसीद कर दूँ और मैने बोतल झीन कर उस व्यक्ति के मुहं मे पानी डाल दिया बड़ी हसरत भरी निगाह से हमारी तरफ देखा और घर का  फोन नम्वर  दिया मिलाने के लिए !
मैने जैसे उसके घर फोन किया सभी लोग दौड़ पड़े !
इतने मे किसी ने पुलिश को फोन कर दिया ! मौके पर पुलिस आ गयी आते ही इंस्पेक्टर ने बड़े रुआब से पूछा किसी ने ट्रक वाले का नम्वर नोट किया ?
किस रंग की थी ?
किधर  से आ रही थी ?किधर गयी आदि सवाल पूछ कर फालतू की इन्क्वारी करने लगे और वह बेचारा तडपता रहा उसकी तरफ देखा भी नहीं और न ही किसी प्रकार की फर्स्ट ऐड दी !
भीड़ से पूछने लगे किसी ने छुआ तो नहीं ?
बड़ी देर  से उसकी बकवास सुन रहा था !
मैने आगे बढ़ कर कहा जी    हाँ मैने इसे पानी पिलाया था !इसे अस्पताल ले जाये इसी समय सभी इन्क्वारी कर लेगे !
इंस्पेक्टर ने आखें तरेरी और मेरी तरफ देख कर कहाँ ये मिस्टर अपना काम कीजिये यह पुलिस केस है क्या करना मुझे मालूम है !अभी तो देखना है यह एक्सीडेंट किस ठाणे के अंदर  आता तथा अब उसने मरीज की तरफ
रुख किया और बोला अरे यह तो सिविल लाइन का केस बनता है राम सिंह
पांडे को फोन कर दो कह कर अपनी गाड़ी मे बैठ गया !
अभी तक वह तडफ रहा था मगर खून बह जाने से वह मर गया इतने मे घर
वाले भी आ गये !
तभी इंस्पेक्टर पांडे भी आ गये अरे यह तो मर गया और एक जीवन लीला
इन्क्वारी की भेट चढ़ गयी !
 हाय रे हमारे देश का कानून..........
आल इज बेस्ट





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