गुरुवार, 27 मई 2010

जरा सोचो भाई

कल की ही बात हैं .श्री मती जी ने कहा आज पिक्चर चलो 3 idiot लगी है . रजनी कह रही थी ,बहुत अच्छी है . एक बार जरुर देखो मजा आ जायेगा !
मै राजी हो गया कौन सा शो देखो गी , हमने पूछा ३ से ६ वाला ठीक चलो चलते है!
मैंने टाइम से तैयार हो कर कार निकाली चल दिया , अभी २.३० का  टाइम था ,आगे रेल का फाटक बंद था !खड़ा  हो  गया ,चलो अभी टाइम है ,पहुच जायेंगे ,गाडी बंद कर दी!करीव पाऊने तीन बज रहे थे ,फाटक खुलने का नाम नहीं ले रहा था !
किसी तरह फाटक खुला सभी अपनी-अपनी गड्डी आगे निकालने में एक दूसरो को मुह चिढ़ाने लगे ,जल्द वाजी में हमारी गाडी एक रिक्सा से भिडी,झटके से सवारी एसे हिल गयी,जैसे भूकंप  आ गया हो ,रिक्सा वाले ने आंख तरार
कर मेरी तरफ देखा बोला चलाना नहीं आता है क्या ? किसने ला० दे दिया निकल पड़ते है , सडक पर, जैसे -तैसे पिक्चर हॉल पंहुचा, भीड़ बहुत थी, लगता है फुल है ,ढीक है तुम उतरो  टिकेट लो हम गाडी पार्क करते  है ! बढ़ी मुशकिल से पार्किंग मिली , टिकेट विंडो पर देखा १५-२० लोगो की लाइन लगी है ,
श्री मती जी ८ न० मे खड़ी थी ! सभी लोग लाइन मे इस तरह से खड़े थे ,कि साँस लेने पर हवा आगे खड़े व्यक्ति  के कान में टकरा रही थी ! इतने में आगे खड़े महाशय  ने साईंरन  कि आवाज़ मारी ,इतनी बद्वू आई की आगे -पीछे खड़े लोगो ने हडबडाहट इधर उधर देखा कि कहाँ  बम फटा ?
जब समझ में आया तो अपनी -अपनी नाक को  ऐसे पकड़ लिया जैसे कोई सजा मिल गई ! जैसे ही टिकेट मिला श्री मती ने आखें धूमा कर देखा .हमें टिकेट लाने मत भेजा करो ! जैसे अंदर हॉल में पंहुचा पिक्चर चालू हो गई थी . अँधेरा था .आगे बढ़ने  पर ढोकर लगी .हडबडाहट में आगे जा रही महिला से टकरा गया .देख कर नहीं चलते हो .चस्मा तो लगा है .माफ़ किजियेगा !
किसी तरह से सीट तक पंहुचा /बैढ गया पिक्चर में रैंचो ने हास्टल में बिजली के तार से चम्मच बांध कर दरवाजा के बाहर किया .बाहर खड़े व्यक्ति ने उस पर पेशाब किया और झटका लगने से गिर गया ! इधर इस सीन से मुझे भी झटका लगा .पीछे एक श्री मती जी बच्चे  को लटका कर पेशाब करा रही थी. और ओठो से सीटी बजा रही थी .मैंने कहाँ यह क्या कर रही है .वह खी -खी कर हंसने लगी .बोली बच्चा है देख कर उसे भी पेशाब लगने लगी .यही करा दी .माफ़ करे. सामने सीन बढ़िया चल रहा था .आल इस वेळ सामने देखिया सीन निकल जायेगे .
मन मार कर चुप हो गया .गुस्सा इतनी जोर आ रहा था .कि मै भी पीछे घूम कर सामने वाला सीन मेम साहब को
यही दिखा दे !   है न पूरी आज़ादी इस देश  में ! आल इस वेल !

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