हम हर वक्त कहिते है मेरा भारत महान वास्तव में यह सच है ! जितनी आज़ादी हम को मिली उतनी शायद कोई देश में हो ! यहाँ हर तरह की मन मानी करने की छूट है हम भारत में आज़ादी का जश्न बे खौफ हर रोज कभी भी मना लेते है ! एक महाशय सड़क पर कार से चले आ रहे थे , कार में गाना बज रहा था , ओठ घुमाँओ सिटी बजाओ और कार से मुह बहार निकल कर पान का मसाला थूक दिया ! जो की बगल में स्कूटर पर आ रही फेमिली के ऊपर जा गिरी ,और गाना बदल गया ,रंग बरसे भीगी चुनरिया रे , गाना का असर ऐसा फिट हो गया की स्कूटर चालक के चस्मा से होता हुआ पीछे पत्नी के गाल को रंगता हुआ ,पीछे आ रहे साइकिल चालक की कमीज पर जा कर गिरा , जएसे की बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है !
इतने में स्कूटर चालक अचानक संतुलन खो गया और आगे जा रहे रिक्से से भिड गया अचानक टक्कर होने से रिक्सा पर जा रही सवारी चालक से ऐसे टकराई जैसे की साली जीजा का मिलन हो रहा , और नीचे सडक पर जा कर गिर गई !
कार वाला अपना काम कर गया ,तथा रेडियो में आ रहे गाने को सुनता हुआ स्टेरिंग का तबला बजाते आगे बढ़ गया , याहू चाहे कोई मुझे जंगली कहे !
है न हमको पूरी आज़ादी, और कार चलाता रेड सिगनल तोड़ दिया ! ट्रफिक इस्पेक्टर सीटी बजाता रहा और ओठ घुमाता रहा !
है, न हम महान भारत के महान नागरिक कहा मिलेगे यह आज़ादी आल इज बेल!
इतने में स्कूटर चालक अचानक संतुलन खो गया और आगे जा रहे रिक्से से भिड गया अचानक टक्कर होने से रिक्सा पर जा रही सवारी चालक से ऐसे टकराई जैसे की साली जीजा का मिलन हो रहा , और नीचे सडक पर जा कर गिर गई !
कार वाला अपना काम कर गया ,तथा रेडियो में आ रहे गाने को सुनता हुआ स्टेरिंग का तबला बजाते आगे बढ़ गया , याहू चाहे कोई मुझे जंगली कहे !
है न हमको पूरी आज़ादी, और कार चलाता रेड सिगनल तोड़ दिया ! ट्रफिक इस्पेक्टर सीटी बजाता रहा और ओठ घुमाता रहा !
है, न हम महान भारत के महान नागरिक कहा मिलेगे यह आज़ादी आल इज बेल!
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