बुधवार, 8 दिसंबर 2010

गोपाला हे गोपाला

दरवाजा  खुला रखा 
चले आना
नन्द - लाला
चले आना
नन्द -लाला
चले आना 
नन्द - गोपाला 
माखन मिसरी 
भोग लगाऊ
चले आना
रास - बिहारी
चले आना 
गोपाला  
दरवाजा खुला रखा
चले आना
श्यामलाला
गोपीया राह तके
चले आना
रासबिहारी
दरवाजा खुला रखा
चले आना 
मुरली बजय्या
दरवाजा  खुला रखा
चले आना
राधे - गोपाला
मन वेचेन 
सुन
मुरली की धुन
आँखे तरस रही
दर्शन को
गोपाला
दरवाजा खुला रखा
चले आना
मुरली वाला  
अटरिया पर
सेज लगी  
चले आना
शेषनाथा
हमदर्शन के प्यासे 
चले आना
गोपाला 
अरे चले आना
नन्द  लाला 
चले आना
नन्द लाला
राधारानी याद करत 
चले आना 
गोपाला
गोपीया थारी  
राह तकत
चले आना
गोपाला
ग्वाले  राह
चलत 
सुनत
मुरली धुन
सुनत
मुरली धुन  
हो मुरली
बजैया  
दरवाज़ा खुला रखा  
चले आना 
नन्द लाला 
चले आना
नन्द लाला 
गोपीया राह तकत 
चले आओ 
शेष नाथा 
दरवाजा   खुला रखा
चले आना
नन्द लाला 
चले आना
नन्द लाला

  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें